Hindu text bookगीता गंगा
होम > सच्चा गुरु कौन ? > गुरु कैसा हो?

गुरु कैसा हो?

जिस गुरु, सन्त-महापुरुषमें ये बातें हों:—

१-जो हमारी दृष्टिमें वास्तविक बोधवान्, तत्त्वज्ञ दीखते हों और जिनके सिवाय और किसीमें वैसी अलौकिकता, विलक्षणता न दीखती हो।

२-जो कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग आदि साधनोंको तत्त्वसे ठीक-ठीक जाननेवाले हों।

३-जिनके संगसे, वचनोंसे हमारे हृदयमें रहनेवाली शंकाएँ बिना पूछे ही स्वत: दूर हो जाती हों।

४-जिनके पासमें रहनेसे प्रसन्नता, शान्तिका अनुभव होता हो।

५-जो हमारे साथ केवल हमारे हितके लिये ही सम्बन्ध रखते हुए दीखते हों।

६-जो हमारेसे किसी भी वस्तुकी किंचिन्मात्र भी आशा न रखते हों।

७-जिनकी सम्पूर्ण चेष्टाएँ केवल साधकोंके हितके लिये ही होती हों।

८-जिनके पासमें रहनेसे लक्ष्यकी तरफ हमारी लगन स्वत: बढ़ती हो।

९-जिनके संग, दर्शन, भाषण, स्मरण आदिसे हमारे दुर्गुण-दुराचार दूर होकर स्वत: सद‍्गुण-सदाचाररूप दैवी सम्पत्ति आती हो।

पुस्तक समाप्त  > होम