परिशिष्ट
कुम्भमहापर्वके अवसरपर गोवधके विरुद्ध प्रबल जनमत
गत कुम्भमहापर्वके अवसरपर प्रयागमें सर्वसाधारणने चारों ओरसे रोते हुए हृदयसे गोवध बंद होनेके लिये पुकार की। बाहरसे पधारे हुए तथा स्थानीय विभिन्न महात्माओं, संतों, मण्डलेश्वरोंकी तथा अनेक संस्थाओंकी ओरसे बहुत-से ‘गोरक्षासम्मेलन’ हुए। सम्मेलनोंमें साधु-महात्मा, विद्वान्-पण्डित, धनी-गरीब सभी मत-मतान्तरोंके साथ सभी श्रेणीके लोगोंने पूर्णरूपसे भाग लिया और सभीने एकमतसे शीघ्र-से-शीघ्र कानूनीरूपसे सर्वथा ‘गोवधबंदी’ की माँग की तथा विविध उपायोंसे गोरक्षण, गोसंवर्धन और गोपालनके विषयमें विचार तथा निश्चय किया। गत माघ शुक्लप्रतिपदा ता० ४ फरवरीको विभिन्न शिविरोंमें गोरक्षार्थ ‘भगवत्प्रार्थना’ की गयी और संध्याके चार बजेतक उपवास-व्रतका पालन किया गया। सभी अन्नसत्र उस दिन चार बजेतक बंद रहे।
गोवध शीघ्र-से-शीघ्र बंद करनेके लिये एक प्रस्तावपर १११ प्रसिद्ध संत-महात्मा, साधु-संन्यासी, शंकराचार्य, मण्डलेश्वर-महंत, वैष्णवाचार्य तथा अन्यान्य सभी सम्प्रदायोंके संत-विद्वानोंने हस्ताक्षर किये और प्रधानमन्त्री माननीय पं० श्रीनेहरूजीसे एक प्रतिनिधिमण्डलने मिलकर उनके सामने यह हस्ताक्षरयुक्त प्रस्ताव तथा सारी परिस्थिति रखी। वर्तमान समयमें कितना अधिक गोवध हो रहा है तथा खाल एवं गोमांसका निर्यात किस तेजीसे बढ़ा है, इसके आँकड़े भी माननीय पं० श्रीनेहरूजीको दिये गये।
उत्तर प्रदेशके मुख्यमन्त्री माननीय पं० श्रीगोविन्दवल्लभजी पन्त तथा केन्द्रीय गृहमन्त्री माननीय डॉ० श्रीकैलाशनाथजी काटजूसे भी प्रतिनिधिमण्डल मिला।
आशा करनी चाहिये कि यदि यह शान्तिपूर्ण और अत्यावश्यक आन्दोलन जारी रहा और क्रमश: जोर पकड़ता गया तो भगवत्कृपासे वह दिन शीघ्र ही देखनेको मिलेगा जब कि भारत गोवधके कलङ्कसे छूट जायगा।
इस प्रयत्नको जारी रखनेके लिये स्थान-स्थानपर जोरोंसे प्रचार होना चाहिये, सम्मेलन होने चाहिये, गोरक्षाके अन्य विविध उपायोंको भी सोचना चाहिये। अत: सब महानुभावोंसे अनुरोध है कि वे अपने यहाँ गो-सम्मेलन करें। होनेवाले सम्मेलनोंमें तन-मन-धनसे सहायता करें। गोरक्षा-आन्दोलनमें सब प्रकारसे योग दें और गो-माताके प्राण बचानेमें सहायक होकर अपने कर्तव्यका पालन करें। साथ ही इस सम्बन्धमें अपने सुझाव भेजनेकी कृपा करें।
विभिन्न संस्थाओं और सभी मत-मतान्तरोंके सज्जनोंकी एक ‘गोहत्यानिरोध-समिति’ बनायी गयी और समितिने निर्णय किया है कि शीघ्र ही पाँच लाख प्रतिज्ञापत्र भरवाये जायँ। प्रतिज्ञापत्र दो प्रकारके हैं जिनका नमूना नीचे दिया जाता है। जो सज्जन गौसे प्रेम रखते हैं, वे कृपया १८ वर्षसे बड़ी आयुके बहिन-भाइयोंसे उन प्रतिज्ञापत्रोंपर हस्ताक्षर कराकर नीचे लिखे पतेपर भेजनेकी कृपा करें। प्रतिज्ञा-पत्रके छपे फार्म भी इसी पतेपर पत्र लिखकर मँगवा लें।
पता—लाला हरदेवसहाय संयोजक—‘गोहत्या-निरोध-समिति, ३ सदर थाना रोड, दिल्ली ६।’
(१) सक्रिय गोसेवकके लिये प्रतिज्ञापत्र
मैं गो-रक्षाके लिये निम्नलिखित प्रतिज्ञाएँ करता हूँ।
- जबतक देशभरमें सम्पूर्ण गो-हत्या बंद न होगी, महीनेमें कम-से-कम एक दिन (सुदी अष्टमी) गोरक्षा-प्रचार तथा प्रत्यक्ष गोसेवाके लिये दूँगा।
२.गो-हत्या-निषेधके लिये जो आन्दोलन होंगे, उनमें सहयोग और सहायता दूँगा।
३.गो-हत्या बंद करनेके लिये बड़े-से-बड़ा बलिदान देनेको तैयार रहूँगा।
४.संसद् एसेम्बली, डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, म्युनिसिपल बोर्ड आदिके चुनावमें अपना मत या वोट सम्पूर्ण गोवधबंदी करवाने तथा गोपालनकी लिखित प्रतिज्ञा करनेवाले पक्ष, पार्टी या उम्मीदवारको ही दूँगा।
५.गो-सेवाका रचनात्मक कार्य करूँगा।
-
कसाई या अनजान ग्राहकके हाथ गाय न बेचूँगा।
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गोदुग्धका ही व्यवहार करूँगा।
-
वध किये हुए गोवंशके चमड़े तथा इससे बनी चीजोंका व्यापार एवं व्यवहार न करूँगा।
९.वनस्पति घी, निर्घृत दुग्ध, चूर्ण, मूँगफलीका दूध, रासायनिक खाद, ट्रैक्टर आदि जिन चीजोंसे गोवंशको हानि पहुँचती है, उनका व्यवहार तथा व्यापार न करूँगा।
- अपने इष्ट तथा श्रद्धाके अनुसार नित्य भगवान्से गोरक्षाके लिये प्रार्थना करूँगा।
हस्ताक्षर
नाम
पिताका नाम
आयु
पूरा पता—
जो भाई-बहिन उपर्युक्त १० प्रतिज्ञाएँ न कर सकें, वे निम्नलिखित आठ प्रतिज्ञाएँ करें—
(२) गोसेवकके लिये प्रतिज्ञापत्र
मैं गो-रक्षाके लिये निम्नलिखित प्रतिज्ञाएँ करता हूँ।
-
जबतक देशभरमें सम्पूर्ण गो-हत्या बंद नहीं होगी, महीनेमें कम-से-कम एक दिन (सुदी अष्टमी) गोरक्षा-प्रचार तथा प्रत्यक्ष गोसेवाके लिये दूँगा।
-
गो-हत्या-निषेधके लिये जो आन्दोलन होंगे, उनमें सहयोग और सहायता दूँगा।
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संसद् एसेम्बली, डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, म्युनिसिपल बोर्ड आदिके चुनावमें अपना मत या वोट सम्पूर्ण गोवधबंदी कराने एवं गोपालनकी लिखित प्रतिज्ञा करनेवाले पक्ष, पार्टी या उम्मीदवारको ही दूँगा।
४.गो-सेवाका रचनात्मक कार्य करूँगा।
५.कसाई या अनजान ग्राहकके हाथ गाय न बेचूँगा।
-
वध किये हुए गोवंशके चमड़े तथा इससे बनी चीजोंका व्यापार एवं व्यवहार न करूँगा।
-
अपने इष्ट तथा श्रद्धाके अनुसार नित्य भगवान्से गोरक्षाके लिये प्रार्थना करूँगा।
-
समय आनेपर बड़े-से-बड़ा बलिदान देनेको तैयार रहूँगा।
(जो सज्जन इसका पालन न कर सकें वे इसपर लकीर फेर दें)।
हस्ताक्षर
नाम
पिताका
नाम
आयु
पूरा पता—
गो-भक्त सज्जनों तथा देवियोंसे नम्र निवेदन है कि वे इन प्रतिज्ञापत्रोंके भरने-भरानेमें सहयोग दें तथा अन्य उचित और सम्भव सभी साधनोंसे गोमाताके प्राण बचानेमें यथासाध्य सब तरहकी सहायता करें।