॥ श्रीहरि:॥
निवेदन
एक उत्पत्ति होती है और एक खोज होती है। उत्पत्ति उस वस्तुकी होती है, जो पहले नहीं थी तथा बादमें भी नहीं रहेगी, और खोज उस वस्तुकी होती है, जो पहलेसे ही विद्यमान है और आगे भी सदा विद्यमान रहेगी। इस दृष्टिसे असत्य वस्तुकी उत्पत्ति होती है और सत्य वस्तुकी खोज होती है। साधक वह होता है, जो सत्य वस्तुकी खोजमें लगा है। इसलिये प्रस्तुत पुस्तक साधकोंके लिये बड़े कामकी है और सत्यकी खोजमें बड़ी सहायक है। आशा है, सत्यान्वेषी पाठकगण इस पुस्तकका गम्भीरतापूर्वक अध्ययन-मनन करके लाभ उठायेंगे।