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॥ श्रीहरि:॥

नम्र निवेदन

श्रद्धेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके लेखोंका एक सुन्दर संग्रह आपकी सेवामें प्रस्तुत करते हुए हम प्रसन्नताका अनुभव कर रहे हैं। इन लेखोंमें आध्यात्मिक साधन-सम्बन्धी अतिशय उपादेय ठोस सामग्रीका समावेश हुआ है।

व्यक्तिके जीवनका प्रभाव सर्वोपरि होता है। श्रीभाईजी अध्यात्म-साधनकी उस परमोच्च स्थितिमें पहुँच गये थे, जहाँ पहुँचे हुए व्यक्तिके जीवनसे, वाणीसे, लेखनीसे परमार्थके साधकोंको ही नहीं, मनुष्यमात्रको अमोघ लाभ मिलता है। हमारा विश्वास है कि जो व्यक्ति इन लेखोंको मननपूर्वक पढ़ेंगे एवं अपने जीवनमें उन बातोंको उतारनेका प्रयत्न करेंगे, उनको निश्चय ही विशेष सफलता प्राप्त होगी।

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