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तीर्थयात्रामें क्या करें?

तीर्थयात्रामें—सादा भोजन करो तो जीभ-मन वशमें होंगे।

तीर्थयात्रामें—सबकी सेवा करो तो तीर्थका फल मिलेगा।

तीर्थयात्रामें—सादे कपड़े पहनो तो सीधापन प्राप्त होगा।

तीर्थयात्रामें—भगवान् का नाम लो तो जीवन सफल होगा।

तीर्थयात्रामें—भगवान् का नाम गाओ।

तीर्थयात्रामें—भगवान् के गुण गाओ।

तीर्थयात्रामें—भगवान् में मन लगाओ।

तीर्थयात्रामें—भगवान् में बुद्धि लगाओ।

तीर्थयात्रामें—भगवान् का सदा स्मरण रखो।

तीर्थयात्रामें—भगवान् को सब समर्पण कर दो।

तीर्थमें जाकर—जीवनमें कभी अभक्ष्य-भक्षण न करोगे, यह व्रत लो।

तीर्थमें जाकर—जीवनमें कभी झूठ न बोलोगे, यह व्रत लो।

तीर्थमें जाकर—जीवनमें कभी क्रोध नहीं करोगे, यह व्रत लो।

तीर्थमें जाकर—जीवनमें कभी पर-स्त्रीको बुरी दृष्टिसे नहीं देखोगे, यह व्रत लो।

तीर्थमें जाकर—जीवनमें कभी दूसरोंका बुरा न करोगे, यह व्रत लो।

तीर्थमें जाकर—जीवनमें सदा भगवान् को याद रखनेकी चेष्टा करोगे, यह व्रत लो।

तीर्थमें जाकर—जीवनमें कभी कुसंग न करोगे, यह व्रत लो।

तीर्थमें जाकर—जीवनमें प्रतिदिन २१,६०० भगवान् के नाम लोगे, यह व्रत लो।

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