समय
गया हुआ धन पुन: प्राप्त हो सकता है, पर गया हुआ समय पुन: प्राप्त नहीं होता। धनकी तरह समयको तिजोरीमें बन्द करके भी नहीं रख सकते। अत: हर समय सावधान रहकर समयका सदुपयोग करना चाहिये॥७०१॥
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पैसोंको तो तिजोरीमें बन्द करके रखा जा सकता है, पर समयको बन्द करके नहीं रखा जा सकता। अत: अपने अमूल्य समयको व्यर्थके कामोंमें खर्च नहीं करना चाहिये॥७०२॥
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समयका सदुपयोग न करनेवाला व्यक्ति किसी भी क्षेत्रमें सफल नहीं हो सकता॥७०३॥
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देखनेमें तो ऐसा दिखता है कि समय जा रहा है, पर वास्तवमें शरीर जा रहा है!॥७०४॥
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विचार करें कि जो समय चला गया, उस समयके सदुपयोगसे हम परमात्मप्राप्तिके मार्गपर कितना आगे बढ़े हैं?॥७०५॥