भगवत्कृपापर विश्वास
विश्वास करो, तुमपर भगवान्की बड़ी कृपा है; तभी तो तुम्हें मनुष्यका देह मिला है। यह और भी विशेष कृपा समझो जो तुम्हें भजन करनेकी बुद्धि प्राप्त हुई और भजनके लिये सुअवसर मिला। इस सुअवसरको हाथसे मत जाने दो, नहीं तो पछताओगे।
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तुम चाहे राजा हो या राहके भिखारी—तुम बड़े भाग्यवान् हो, अगर तुम अपने मनको भगवान्के भजनमें लगाते हो। भजनका धन जिसके पास है वह राहका भिखारी भी राजा है और जो इस धनसे कंगाल है उस राजाको राहके भिखारीसे भी ज्यादा कम-नसीब समझो।
भजनमें तुम्हें कुछ भी त्याग नहीं करना पड़ता—काम वैसे ही करो जैसे करते हो। अब जो अपने लिये करते हो, इस शरीरके लिये करते हो—फिर भगवान्के लिये करोगे—अपनेको और शरीरको भगवान्की सेवाका साधन बना दोगे। काम तब भी ज्यों-का-त्यों ही होगा। हाँ, तुम्हारे सिरसे बड़ा भारी अहंकारका बोझ उतर जायगा। तुम मालिकके सेवक बनकर निश्चिन्त हो जाओगे। तुम्हारा मन करेगा उनका चिन्तन, शरीर करेगा उनकी सेवा, तुम तो खुद उनमें जा बसोगे।
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देखो एक स्त्रीके लिये इंग्लैंडके राजाने राज्य छोड़ दिया था। क्या तुम भगवान्के लिये मनकी दिशाको भी नहीं बदल सकते? मोड़ दो न मनके मुँहको—उसे भोगोंकी ओरसे फिराकर भगवान्की ओर कर दो—गति ज्यों-की-त्यों ही रहेगी। हाँ, तब नरकके निन्दनीय और गंदे गर्तसे निकलकर तुम दिव्य स्वर्गकी—महान् सुखकी—परम शान्तिमय आनन्दकी सुधामयी भूमिकापर जरूर पहुँच जाओगे।
भगवान्की कृपापर विश्वास करनेसे यह सब कुछ आप ही हो जायगा। विश्वास करो—अपनेको उसके द्वारा सुरक्षित समझो। उसकी पग-पगपर झाँकी करो। देखो, भगवत्कृपा बरस रही है—सदा, सब समय, सब ओरसे, अनन्त धाराओंसे अविराम बरस रही है, उसमें नहाकर कृतकृत्य हो जाना तुम्हारे ही हाथ है।