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वेदान्त क्या है?

१—वेदान्त हमें अमर बनना सिखलाता है, मरना नहीं। वह मृत्युको मार डालता है।

२—वेदान्त उत्साह और उल्लास बढ़ाता है तथा सत्कर्ममें प्रवृत्त करता है। वह आलस्य, विषाद और बुरे कामोंकी वृत्तिको नष्ट कर डालता है।

३—वेदान्त विश्वके सब प्राणियोंमें एक अमर आत्माके दर्शन कराकर सबसे प्रेम कराता है। वह घृणा, द्वेष, वैर और परायेपनको मिटा देता है।

४—वेदान्त सारे संसारको सत् , चित् और आनन्दमय बनाकर दिखा देता है। वह जडताको सर्वथा नष्ट कर डालता है।

५—वेदान्त कड़वी और दु:खभरी दुनियाको परम मधुर और अतुल सुखसे पूर्ण बना देता है। वह कटुता और कष्टकी जड़ ही काट डालता है।

६—वेदान्त जीवनको संयमी, संतोषी, निरहंकारी और कर्तव्यशील बनाता है। वह विषयवासना, अतृप्ति, अहंकार और अकर्मण्यताको आमूल नष्ट कर देता है।

७—वेदान्त जीवनको पवित्र, पुण्यमय, सौम्य और शान्तिमय बना देता है। वह अपवित्रता, पाप, ताप और अशान्तिका बीज नाश कर डालता है।

८—वेदान्त हमारे जीवनको आत्मा या परमात्माके परायण बना देता है। वह हमारी काम, क्रोध और लोभपरायणताको समूल नष्ट कर देता है।

९—वेदान्त ज्ञानकी अप्रतिम अपूर्व ज्योति जलाकर सर्वत्र निर्मल एकरस अनन्त प्रकाश फैला देता है। वह अज्ञानके तमाम अन्धकारको सदाके लिये मिटा देता है।

१०—वेदान्त ऊँच-नीचके लौकिक व्यवहारके रहते भी आन्तरिक ऊँच-नीचके भावको सर्वथा मिटा देता है। वह उपाधियोंके कल्पित भेदसे हटाकर हमें सर्वत्र नित्य अभेदरूप सम ब्रह्मके दर्शन कराता है।

११—वेदान्त मोहके सब पर्दोंको फाड़कर जीवकी सदाकी अपूर्ण साधको पूरीकर उसे परमात्मा बना देता है। फिर उसके लिये कुछ भी करना शेष नहीं रहने देता।

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