दैनिक पालनीय नियम
१—सूर्योदयसे पहले उठे।
२—उठकर भगवान्का स्मरण करे तथा बड़ोंको प्रणाम करे।
३—जिसके यज्ञोपवीत हो, वह कम-से-कम दो कालकी संध्या और एक माला गायत्रीका जप यथाधिकार अवश्य करे। सम्भव हो तो तर्पण भी करे। सभी लोग विश्वासपूर्वक प्रतिदिन नियमित भगवत्प्रार्थना करें।
४—भगवान्के नामका जप अधिक-से-अधिक करे। कम-से-कम २१,६०० नामका जप अवश्य कर ले।
५—उपनिषद्, रामायण, महाभारत, पुराण, भगवद्गीता तथा अपने-अपने धर्मग्रन्थ आदिका यथायोग्य नित्य पाठ—अध्ययन करे। विचार तथा जीवनको सात्त्विक बनानेवाले अन्यान्य विविध सद्ग्रन्थोंका पाठ—स्वाध्याय करे।