दूसरोंकी किस चीजसे बचे
१—दूसरोंके पहने हुए कपड़े, धोती आदि न पहने।
२—दूसरोंके अंगोछेसे शरीर न पोंछे।
३—दूसरोंके बिछौनेपर न सोये।
४—दूसरोंके आसनपर बैठकर जप-स्वाध्यायादि न करे।
५—दूसरोंकी मालासे जप न करे।
६—दूसरोंकी जूठी थाली आदिमें न खाय। किसीकी भी जूठन न खाय।
७—दूसरोंके दोषोंकी ओर दृष्टिपात न करे! दृष्टि पड़ जाय तो न किसीसे कहे, न चिन्तन करे।
८—दूसरोंके हकका एक पैसा भी कभी न ले, न लेनेकी इच्छा ही करे।
९—दूसरोंके सुख और मान-प्रतिष्ठाको छीननेका कभी मन या प्रयत्न न करे।