विवाह
१—लड़की-लड़के अपने लिये अपने मनसे वर-कन्याका चुनाव न करें। यथासाध्य माता-पिता, अभिभावकों तथा शुभचिन्तक अनुभवी पुरुषोंकी अनुमतिसे करें।
२—विवाहको पवित्र धार्मिक संस्कार माने।
३—असवर्ण विवाह न करे। परधर्ममें विवाह न करे। विजातीय विवाह न करे।
४—शास्त्रविधिसे विवाह किया जाय। रजिस्ट्रेशन आदिसे नहीं।
५—विवाहमें कम-से-कम खर्च किया जाय। सजावट-आडम्बर आदि न करे, खान-पानमें अधिक व्यय न करे। सादगी बरते।
६—विवाहके बाद तुरंत ही विदेशी प्रथाके अनुसार पति-पत्नी पहाड़ आदिपर आनन्द मनानेके लिये न जायँ।
७—विवाह होनेके बाद तलाककी कल्पनाको भी पाप समझे।