भगवान् का भजन करो
(ब्रह्मलीन स्वामी रामसुखदासजी महाराज)
प्रवचन—दिनांक-११-४-१९९२, सायं ४.४५ बजे, सींथल, बीकानेर
कोई बीमार हो और मरणासन्न हो तो उसे कीर्तन सुनाओ, भगवन्नाम सुनाओ, गीताजी सुनाओ, भगवान् की कथा सुनाओ। उसे चेत हो और गीताजीमें प्रेम हो तो गीताजी सुनाओ और चेत नहीं हो, भाव न जाने तो कीर्तन और भगवन्नाम सुनाओ।
जो कोई घरमें मरे उसे भगवान् की याद दिलाओ। कई लोग कहते हैं छोटा मरता हो तो गीता क्या सुनावें। कई माताओं, बहनों, भाइयोंमें बड़ा अज्ञान रहता है कि गीता सुना दी, अब तो ये मर जायगा। यह बात नहीं है। मुझे जाड़ा लगता है, शीत लग जाय, बीमार होऊँ तो कहता हूँ गीता सुना दो भाई! ऐसे गीताजी सुनानेसे थोड़े ही कोई मरता है। गीता कोई जहर थोड़े ही है। हम जब बीमार होते हैं तो गीता सुनी हुई है, गीता पाठ भी किया है और बैठे हैं टोपी पहनकर। गीतासे कोई मरता थोड़े ही है कि गीता सुनायी, अब मर जायगा। यह वहम मिटाओ, घरमेंसे यह वहम निकाल दो। इस कमजोरीको देश निकाला दे दो, भगवान् का भजन करो और सब इसमें लग जाओ।
नारायण नारायण नारायण श्रीमन्नारायण नारायण नारायण....